कैबिनेट ने बुधवार को बीपीसीएल समेत 5 सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दी। ये पहली बार नहीं जब सरकार ने किसी बड़ी कंपनी में विनिवेश का फैसला लिया हो। इससे पहले मारुति और हिंदुस्तान जिंक जैसी कंपनियों के भी बड़े उदाहरण हैं। ये दोनों कंपनियां निजीकरण के बाद काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। मारुति के शेयर ने 2003 में लिस्टिंग के बाद से बीते 16 साल में 5600% रिटर्न दिया है।
मारुति भी 27 साल पहले सरकारी कंपनी थी; बीते 16 साल में शेयर ने 5600% रिटर्न दिया